एक कप चाय सिर्फ तुम्हारे साथ आओ चलें मिलते हैं ना अनजान की तरह तुम हां तुम जिसे मैं कभी जानता था पहचानता था बेहद पास से ! आओ सारे किस्से तुम समेटकर लाना मैं भी सारे किस्से समे...
एक बेघर इंसान एक बेघर इंसान जिसे कुछ भी नही पता है.. वो अनाथ है छोटा बच्चा है,उसमें उसकी क्या खता है.. सुबह उठता है किसी फुटपाथ से सोकर.. कल जो भी कमाया था उस सब को खोकर.. बालश्रम की व...
तुम गए हो जब से जज़्बातों पर मिट्टी डाल के, जिन्हें अक्सर कुरेदती रहेती थी मैं,अपनी तन्हा शामों में उन शामो को याद करने का अब दिल नहीं करता। तुम जो चले गए थे, इस जिंदगी से मुह मो...
तू उतरा है मुझमें इस तरह लहर में होता है पानी जिस तरह तुझसे अलग हो जाने का अब दिल नही करता ! बहुत नादान थी मैं जब तू साथ था मेरे नादानी प्यारी थी,समझदार बनने का अब दिल नही करता ! ब...
एक मुसाफिर जिसमें धैर्य बहुत है.. एक मुसाफिर जो चुपचाप बहुत है.. उस मुसाफिर के पर लगे हुए हैं.. वो मुसाफिर उड़ता बहुत है.. पर एक दिन अपने सपनों की उड़ान में, अपने ही लंबे सफर की थका...
नाराज हो जाते है मुझसे, मैं मनाना भी जानता हूं.. पर किसी को मनाने का, अब दिल नही करता.. झुक तो मैं भी जाता था, पर फिर गलत मैं ही ठहराया जाता.. बार-बार झुक जाने का, अ...
क्या तुमने इश्क़ किया है कभी.. हर लम्हा खुशनुमा जिया है कभी.. एक प्यारा सा अहसास,किसी के संग आया हो.. पहली नजर में कोई पसंद आया हो.. कोशिशे हजार की हो बात करने की.. कोशिशे हजार की हो म...
Collab_Aatish_&_Anuja हमारे दिल में हमेशा, तुम्हारा स्वागत है.. तुम्हारे लिए तो मुझे, हमेशा फराग़त़ है.. तू मुशफ़िक़ है, सब कुछ मौक़ूफ़ तुम पर.. बिखरी इश्क़ की ओस, मौजूद तुम पर.. उन्स है बहुत गहरा, मे...
सब सार समेटे भारत का, कपड़े की पवित्र गंगा हूं.. लहराता शान से हवा में, देखो मैं तुम्हारा तिरंगा हूं.. कारगिल तक भी मुझे, उन वीरों ने फहराया है.. साहसी सैनिकों ने मुझे, कहां कहां मा...
मायने मोहब्बत के कोई समझाये मुझको। ये कौनसी दुनिया है कोई दिखलाए मुझको।। दर्द बहुत होता है इस राह मे सुना है मैंने। ख़ुशी किस कदर होती है कोई बतलाए मुझको।। ✍Ahmed @poet_next_door कोई प्यार भ...
Collab_Aatish_&_Alisha दो दिलों के मिलन का कैसा ये उपहार है.. कभी खुशी है कभी जीना भी दुश्वार है.. चाहते हैं एक-दूसरे को कसमों की सौगात पर.. दूरियां कितनी भी हो तब भी सच में प्यार है.. ✍ Aatish Kumar दो दिलो का य...
हमारे दिल की जमीं पर अब,सार्थक निशान नहीं है यारों.. धर्मों में रंगे हुए है अब, हम इंसान नही है यारों.. कुछ बेतुके मुद्दे उठाकर,लहू-लहू से लड़ जाता है.. धर्म-धर्म से लड़ते-लड़ते, इ...
हर वक्त ये नजरें तुम्हें तलाश करती है.. इस अंजुमन में सिर्फ तुम पर विश्वास करती है.. मुंतजिर कब तक रहूं तुमसे वस्ल के लिए.. कभी तो मुलाकात हो तुमसे सिर्फ एक पल के लिए.. गमगीन दश्त़ ...
इस बार सब कुछ साफ हो जाए ये तो बेहतर है.. इस बार दिल गुस्ताख हो जाए तो बेहतर है.. हाल-ए-दिल छिपा-छिपा कर थक गए हैं हम.. इस बार ये इजहार हो जाए तो बेहतर है.. बैठे है कब से महज एक बौछार के इं...
वो ही आपके दिल को सबसे ज्यादा भाता है.. इश्क़ के तूफान में हर कोई हिलोरे खाता है.. सफर चलता रहता है जज्बातों के कारवां से.. इजहार-ए-दस्तूर के पहले सन्नाटा भी आता है.. Kavish
तन्हाई के दामन को अब तुम्हारा साथ मिला है... दिल की गहराइयों को अब एक नया अहसास मिला है.. तुम्हारे आ जाने से दिल में एक रूहानी हरकत हुई है.. अहसासो की अहसासो से खुशनुमा कुर्बत़ हु...
माना कि अब तक,खफा-खफा थे तुम.. ख्वाबों की नजदीकियों में भी,जुदा-जुदा थे तुम.. हर शायरी का हर हर्फ,हारा था तुम पर.. मीठी झील का भी हर कतरा,खारा था तुम पर.. पर आज वक्त एकदम बदल चुका है.. तु...
एक पाकीज़गी सी पोथी वाला बचपन.. आंखों में चमकती ज्योति वाला बचपन.. मां की गोद में चैन से सोने वाला बचपन.. कभी हंसने का कभी आंसू लाकर रोने वाला बचपन.. स्कूल जाने में आने वाला जोर वा...
हर वक्त ये नजरें तुम्हें तलाश करती है.. इस अंजुमन में सिर्फ तुम पर विश्वास करती है.. मुंतजिर कब तक रहूं तुमसे वस्ल के लिए.. कभी तो मुलाकात हो तुमसे सिर्फ एक पल के लिए.. गमगीन दश्त़ ...
सवेरे से शाम तक, जी तोड़ मेहनत करता है.. अपने मेहनत की कमाई से ही, वो सोहबत रखता है.. पसीने से लथपथ शरीर, दिनभर में टूट जाता है.. वक्त पर खिलौना ना लाने पर, बच्चा भी उससे रूठ जाता है.. शा...
आप भी लिखते हो, मैं भी लिखता हूं, आम मेरे हमदम हो... फिजिक्स केमिस्ट्री से नाता है, पर थोड़ा समझ में कम आता है.. UPSC पार करके कुछ बन जाने का जो प्यार है.. एक साधारण घर का लाल एक साधारण कला...
मैं हूं एक नन्हीं परी, ये अहसास तो ना था.. मगर पापा की गोद में रहकर, यकीन हो गया.. मेरा बचपन भी अजीब आंख-मिचौली था.. कभी कोरा था एकदम तो कभी हंसी खुशी की रंगोली था.. पापा रहते सरहद पर और...
पापा के वसीले से ही, मेरी हंसी बरकरार है.. घर के अंदर रहने वाली, मजबूर कंधों की सरकार है.. जिन्होंने आपको कंधो पर घुमाया है.. जिन्होंने आपको लड़ना सिखाया है.. जिनकी वजह से हमारे जी...
काश वो मेरे दिल में कुछ ऐसे उतरे.. कि मयखाने भी सारे नीलाम हो जाये.. मुझे मालूम है उसका पता कहां होगा.. जो परिंदा मोहब्बत में बदनाम हो जाये.. ✍Dr. Anju संजीदा है साहब, फिर भी मयकदे में शाम ...
कल तो सोचा भूल जाऊंगा,आज इख़्तियार करने लगा.. वो इश्क़ का मुतंजिर , आज इंतजार करने लगा.. पता है चाहकर भी पा नही सकता उस माधुर्य किताब को.. वो फिर से मोहित हुआ, फिर से प्यार करने लगा.. ...
अंदाज पे ही फ़िदा हूं तुम्हारे, गर रूप-रंग से ना परखो मुझे चाहत सिर्फ मेरे दीदार की हो अगर, इन ख्वाबों के मुकम्मल होने के भी ख्वाब ना नसीब हो तुम्हें.. तहज़ीब ना सिखाओ मुझे के त...
तेरे ख्वाबों में आने की चहल-पहल, दिल को राहत से दे देती है... पर तेरे चले जाने की हर बात, मुझे आहत सी कर देती है.. जवाब पर जवाब की दरकार पर, तेरे नये सवाल खड़े है.. चाहकर भी नही थाम सकते, ...
कल तो सोचा भूल जाऊंगा,आज इख़्तियार करने लगा.. वो इश्क़ का मुतंजिर , आज इंतजार करने लगा.. पता है चाहकर भी पा नही सकता उस माधुर्य किताब को.. वो फिर से मोहित हुआ, फिर से प्यार करने लगा.. ...