Papa

पापा के वसीले से ही, मेरी हंसी बरकरार है..
घर के अंदर रहने वाली, मजबूर कंधों की सरकार है..
जिन्होंने आपको कंधो पर घुमाया है..
जिन्होंने आपको लड़ना सिखाया है..
जिनकी वजह से हमारे जीवन में हर्ष है..
डांट भी दे तो क्या,
आखिर आपको कुछ बनाने में विवश है..
वो है तो हंसी खुशी ख्वाहिशों का,
आपस में बहनापा है..
जिनके पसीने की सिंचाई से,आप में आनंद है ,
वो आपके पापा है..
माथे पर शिकन है,
ताकि आप खुश रहो..
थोड़ा विचार मंथन है पापा में,
ताकि आप कुछ बनो..
मुझे बनाने वाले वो,
संस्कारों के शास्त्र है..
मेरी सारी परेशानियों पर,
पापा बह्मास्त्र है..
पापा की वजह से ही,
हमारे बदन पर वस्त्र है..
पापा है तो लक्ष्मी, सरस्वती का हाथ है..
मुंह में निवाला है, खिलौनों की सौगात है..
Kavish

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