Collab_aatish_&_Neha mam

तेरे ख्वाबों में आने की चहल-पहल, दिल को राहत से दे देती है...
पर तेरे चले जाने की हर बात, मुझे आहत सी कर देती है..
जवाब पर जवाब की दरकार पर, तेरे नये सवाल खड़े है..
चाहकर भी नही थाम सकते, तुम्हारे जो इतने अरमान बड़े हैं..
जब थे तुम, हर पंक्ति में, पैदा नया अलंकार कर दिया..
बेसुरे शंख जो गा न सके तराने, उनको भी झंकार कर दिया..
महसूस तो कर इन पलों को, ये विरह के पल काफी कड़े हैं..
सुंदर किनारे, बहती हवाएं इश्क़ की, चलकर देख वो भी खाली पड़े है..
✍ Aatish

वक्त का  हर मंजर आंखों में नजर आता है..
जुदाई का गम तेरी आंखों में नजर आता है..
मजबूर हुए थे हालातों से कुछ ऐसे,
बिन परों के परिंदों की उड़ान हो जैसे..
तेरी दी पायल की खनक,खामोश है अब,
मदहोश सुरों की तानें,बेहोश है अब..
आसान नहीं था यूं इश्क़ से जुदा हो जाना,
जाना है विरह के पलों में खो जाना..
बेबसी की हवाओं से आज भी मोहब्बत नासाज़ है..
आज भी ये इश्क़ तेरा है और ये दिल....
............. ये दिल इश्क़बाज है...
✍Neha Awasthi

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