Collab_11_preery soul and Aatish

अपनी आंखों से कभी अश्क बहा के सोना,
तुम मेरी याद का हर दीप बुझा कर सोना..
सितारा भी ख्याल का बाकी ना रहे,
चांदनी रात का हर निशान मिटा कर सोना..
सुबह होते ही जाना है तेरे शहर से,
आज की रात जरा मुझे मना कर सोना..

ना जाने यूं रूठकर किस शहर जाओगे,
मैं रोक भी लूंगा शायद तुम भी ठहर जाओगे..
चांदनी रात ही होती तुमसे ही है,
सितारों को छोड़कर इस कदर जाओगे..
तुमको मनाकर बिखरेगी रोशनी मुकम्मल मोहब्बत की,
मैं भी भीग लूंगा तुम भी साथ में संवर जाओगे..

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