सुनहरा
इस तीरगी में भी तेरा साथ सुनहरा है..
जेठ के उस चांद से मेरा चांद सुनहरा है..
तू साथ रहे तो सब भूल सा जाता हूं..
तेरे आंखों की गहराई में डूब सा जाता है..
निराशा टपकती है मेरी आंखों से,
तू ही उनकी सुनहरी किरण है..
सुनहरे ख्वाबों की आवाजाही में,
तुझमें ही जीना है तुझमें ही मरण है...
Aatish
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