Sahim and aatish


कुछ रिश्ता सा जुड़ गया है तुमसे..
शुक्रिया अदा करती हूं दिल से...
चलेगा कारवां पता नही मुझे..
पर कहते हैं अच्छे दोस्त मिलते हैं मुश्किल से..
✍Sahin_mirza

लगते हैं हर लम्हे नामुमकिन से..
कितनी ख्वाहिशों के पांखे लगी है तुमसे..
तुम होते हो तो सब खुशनुमा सा रहता है..
आखिर दोस्ती भी तुमसे, प्यार भी तुमसे..
✍ Aatish Kumar..

Comments

Popular posts from this blog

कविता है वो

पहली कविता

याद सताती है