Tirangaa

सब सार समेटे भारत का, कपड़े की पवित्र गंगा हूं..
लहराता शान से हवा में, देखो मैं तुम्हारा तिरंगा हूं..
कारगिल तक भी मुझे, उन वीरों ने फहराया है..
साहसी सैनिकों ने मुझे, कहां कहां मान दिलाया है..
सिपाही सारे मेरे प्रति, दिल में देशप्रेम भरते हैं..
मैं झुक ना जाऊं दुश्मन के आगे, मेरा सम्मान करते हैं..
मैंने उन शत्रुओं को भी, भयभीत होते देखा है..
मेरे देश के वीर सपूतो को, शहीद होते देखा है..
मै तिरंगा भी इतना भावुक हो जाता हूं..
शहीद वीरों के जिस्म पर लिपट जाता हूं..
सारे मेरे बच्चे फिर दुनिया से चले जाते हैं..
पर शहीद होकर भी वो नाम अमर कर जाते हैं..
मेरी सारी दुनिया इस दृश्य से,सूनी होती है..
मुल्क-मुल्क से लड़ाई भयंकर खूनी होती हैं..
मैं सारी इन बातों का बोझ सह जाता हूं..
मैं निडर होकर के देश की हवा में लहराता हूं..
Kavish

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