अब दिल नही करता-कल्पिता
तू उतरा है मुझमें इस तरह
लहर में होता है पानी जिस तरह
तुझसे अलग हो जाने का
अब दिल नही करता !
बहुत नादान थी मैं
जब तू साथ था मेरे
नादानी प्यारी थी,समझदार बनने का
अब दिल नही करता !
बहला लिया करती थी खुद को
तेरे प्यार के नजरानो से
पर अब तेरी यादों से जी लेने का
अब दिल नही करता !
तू आ जाये तो दीवानी बन जाऊं
फिर से तेरी कहानी बन जाऊं
पत्थर से दोबारा दिलफेंक बन जाने का
अब दिल नही करता !
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