Maa
मां जब हमने जन्म लिया,तो तुमने हाथ थामा था...
तुम थे हमेशा साथ मेरे, इसलिए साथ सारा जमाना था...
उंगली पकड़ी चलना सिखाया, जहां गिरे वहां तुमने उठाया...
तुमने ही आंसू पोंछे, जब रोते हुए हमको चिढ़ाया...
पापा की डांट से बचाने वाली, मां तुम हो..
हर जरूरत पूरी करने वाली, मां तुम हो..
चेहरा पढ़कर हमारा, हर बात समझ जाती हो..
हम अबोध बच्चों को, तुम्ही बोलना सिखलाती हो...
दोस्तो के सामने ठीक से बोलो,ये कैसे हम कह देते हैं...
जैसे खिलखिलाती कली को, मुरझावे की शह देते हैं...
सब कुछ फिर भी सहने वाली, वो मां तुम हो..
हम नन्हे से पंछी, जिनकी ऊंची उड़ान तुम हो...
हमारी छोटी चोटों पर, तुम कितनी फिक्र करती हो...
कितना तुमने काम कर लिया,ये जिक्र कभी ना करती हो...
धरती का भगवान तुम हो...
भगवान का पैगाम तुम हो...
जो कहीं ना मिले वो आराम तुम हो...
मां तुम जियो यूं ही मुस्कुराते हुए,
हम बच्चों की मुस्कान तुम हो...
हर चीज से लड़ना सिखाया...
हिम्मत से हमको चलना सिखाया...
जख्म जब भी हुए हमारे,
सिर्फ तुमने ही मरहम लगाया...
हमारा सुबह, हमारी शाम तुम हो..
हमारा मान, हमारी जान तुम हो...
_Anuja Poet
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