तुम्हारी है
छत पर बिखरी पड़ी है चांदनी, क्या बरसात तुम्हारी है...
चांदनी आज तुमसे है, ये खूबसूरत रात तुम्हारी है..
जो तुम इतने हसीन से हो, कितने राज गढे है तुममें...
इस नटखट तासीर में, चंचल हर बात तुम्हारी है...
जिस लिबास में तुम हो, वो लिबास तुमसे महकता है...
गुलाब पंखुड़ियो सी कोमल, सच में बेफिक्र हयात तुम्हारी है..
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