याद करता हूं
मेरे दिल के फरिश्ते पर, आज भी ऐतबार करता हूं...
मैं नही हूं तुम्हारे जेहन में, इस बात से ऐतराज करता हूं..
तुम्हारे लबों पर मुस्कान रहे, रोशन तुमसे जहां रहे...
खुदा से बस तुम्हारे लिए, हरपल फ़रियाद करता हूं..
खुद जब भी अकेला हुआ, खुद से तुम्हारी बात करता हूं...
सारी सलामती की दुआओं में, भूलकर खुद को तुम्हें ही याद करता हूं...
-Kavish
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