दरियो से हो कर
अपने आप में खुश हैं हम, खुशियों के बीज बो कर के...
मिलते नही है मुसाफिर, इन शहरों में खो कर के...
कुछ लोग खड़ी कर देते हैं दीवारें, दो जुड़े हुए दिलवालों में..
कुछ लोग निकाल देते हैं रस्ता, गहरे दरियो से हो कर के...
Kavish
अपने आप में खुश हैं हम, खुशियों के बीज बो कर के...
मिलते नही है मुसाफिर, इन शहरों में खो कर के...
कुछ लोग खड़ी कर देते हैं दीवारें, दो जुड़े हुए दिलवालों में..
कुछ लोग निकाल देते हैं रस्ता, गहरे दरियो से हो कर के...
Kavish
Comments
Post a Comment