Collab_10 Shivani and Aatish

Collab_Shivani_&_Aatish

मैंने कुछ लोगो को लम्हों के सपने बुनते देखा है,
और कुछ लोगो को उन लम्हों में जीते देखा है।

जैसे कुछ सपने को बंद आँखों के भीतर ही देखा है,
और कुछ को आसमान में तकते देखा है।
✍ शिवानी

सपनों के तरफ जाते हुए मैंने कई मुसाफिरों को देखा है,
कुछ कर जाने की जिद पर असंख्य बार गिरते देखा है |

वो गिरते रहे पर उनको मैंने उठते भी देखा है,
आसमान तकने वालों की आंखों में सितारे चमकते देखा है |
✍आतिश कुमार

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