Collab_7_Riya_&_Aatish
Collab_Riya_&_Aatish_kumar
हर सुबह उठती हूं एक उम्मीद के साथ
कि ये दिन गुजरे बस तेरे साथ...
होंगे हाथों में हाथ
और होगी फिर तुझसे बात...
पर ये ख्वाब होता नही पूरा..
हर रोज रह जाता है अधूरा...
फिर भी मेरा मन खफा नही होता..
मेरा प्यार तेरे लिए कम नही होता..
अब मुश्किल है रहना तेरे बिन..
तुझे बनाना है अपना ,एक दिन..
✍ Riya_Garg
एक दिन सच में मेरी बन जाओगी...
मैं तुम में, तुम मुझमें रह जाओगी..
अपनी प्रीत के लिए सबसे मना मिलेगी..
फिर भी मोहब्बत की हमे पनाह मिलेगी...
नजराने न होंगे अधूरे, ख्वाब सारे होंगे पूरे..
मेल-मिलाप की रस्मों से मिल जायेंगे एक दिन..
प्यार की गीली जमीं पर खिल जायेंगे एक दिन...
✍Aatish_kumar
Comments
Post a Comment