देख लो

हर एक बात तुम्हारी हैं मुझमें,  और एक दो छुपा कर देख लो...
नायाब होंगे तराने , तराने सजा कर देख लो ...
यह दिल भी बस तुम्हारा नाम पुकारता है , चाहे तो तुम एक बार गले लगा कर देख लो।।
कविश कुमार

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