शोर में फिर

तू दमकता तसव्वुर, कैसे देखूं भोर में फिर...
सयाने दिल वाला तू इश्क़, कैसे समझू इस दौर में फिर...
यहां तलाशते हैं लोग,दो जुड़े हुए दिलवालों को...
नजाकत भरी तेरी आवाज़, कैसे पहचानूं इस शोर में फिर...
😃कविश कुमार😃

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