कुछ तो हुआ है

आंखें पलक तक नही झपका रही है आज...
पलक भी भीगकर मुरझा रही है आज...
किसी डर ने छुआ है लगता है...
कुछ तो हुआ है लगता है...
जबान मूक होकर कुछ छिपा रही है आज...
लोगो के सामने पूरी वफादारी दिखा रही है आज..
दिल बड़ा रूआसा होकर बैठा है...
शरीर भी खासा परेशान होकर लेटा है...
बड़ा दर्द है माथे में, कई बातें घूम रही है...
हर एक बूंद आंसू की, कलाई चूम रही है...
निर्व्याख्या दुखद रूप धारण हुआ है..
कुछ तो है जो, अकारण हुआ है...
कोई सांत्वना देकर, प्यार से गले लगा ले..
ये काली घनी रात , बड़ी चिढा रही है आज...
_कविश

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