इश्क़ में जल्दबाजी होगी

मेरी मोहब्बत की पतवार की , वो नई अब मांझी होगी...
एक नये आशिक की मेहमान नवाजी होगी..
इकरार से इजहार तक का सफर तय कर चुके दो मुसाफिर..
इंतजार और सबर की छांव में, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी...

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