जानी-मानी​है

तेरे अहसास, तेरी बातों को, अभी से कहां रवानी है..
मरक़ज तू है अब भी, इर्द-गिर्द घूमती कहानी है...
सोच तू भी , रिहाई​ आज भी नही हुई  तुझसे...
मेरी जगह खुद को रख, तेरी सूरत सच में जानी-मानी है...
-Kavish

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