आफताब नजर आता है

जब कोई अंधेरे में खो जाए, उजाला ख्वाब नजर आता है...
आंखों के बुझते दीयों के नीचे, खारा आब नजर आता है...
जैसे तैसे निकल आए बाहर , अंधेरे की तन्हाइयों से...
तो छोटे से जुगनू का उजाला भी, उसे आफताब नजर आता है...
✍ Aatish (Kavish)

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