आफताब नही है

बह रहा है पानी, पर इसका कोई अश्फाक नही है..
बह रही है सोच, ये कोई इत्तेफाक नही है..
ये नेह नजारे, जिनमें तुम भी हो शामिल..
उजाला दफन है, आसमां में आफताब नही है..
✍ Aatish (Kavish)

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