मना लेना
बेरंग पन्नों को स्पर्श से, तुम रंगीन बना लेना...
रंगो के श्रंगार से, थोड़ा खुद को भी सजा लेना...
तुम रूठ गये कभी, तो मैं तुमको मना लूंगा..
मैं रूठ जाऊं अगर, तो तुम मुझको मना लेना...
बेशर्त ख्याल.
Kavish
बेरंग पन्नों को स्पर्श से, तुम रंगीन बना लेना...
रंगो के श्रंगार से, थोड़ा खुद को भी सजा लेना...
तुम रूठ गये कभी, तो मैं तुमको मना लूंगा..
मैं रूठ जाऊं अगर, तो तुम मुझको मना लेना...
बेशर्त ख्याल.
Kavish
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