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Showing posts from August, 2017

एक कप चाय सिर्फ तुम्हारे साथ

एक कप चाय सिर्फ तुम्हारे साथ आओ चलें मिलते हैं ना अनजान की तरह तुम हां तुम जिसे मैं कभी जानता था पहचानता था बेहद पास से ! आओ सारे किस्से तुम समेटकर लाना मैं भी सारे किस्से समे...

एक बेघर इंसान

एक बेघर इंसान एक बेघर इंसान जिसे कुछ भी नही पता है.. वो अनाथ है छोटा बच्चा है,उसमें उसकी क्या खता है.. सुबह उठता है किसी फुटपाथ से सोकर.. कल जो भी कमाया था उस सब को खोकर.. बालश्रम की व...

Ab dil nhi karta Shivani shah

तुम गए हो जब से जज़्बातों पर मिट्टी डाल के, जिन्हें अक्सर कुरेदती रहेती थी मैं,अपनी तन्हा शामों में उन शामो को याद करने का अब दिल नहीं करता। तुम जो चले गए थे, इस जिंदगी से मुह मो...

अब दिल नही करता-कल्पिता

तू उतरा है मुझमें इस तरह लहर में होता है पानी जिस तरह तुझसे अलग हो जाने का अब दिल नही करता ! बहुत नादान थी मैं जब तू साथ था मेरे नादानी प्यारी थी,समझदार बनने का अब दिल नही करता ! ब...

Aaj bhi yeh mushafir chupchap bahut hai

एक मुसाफिर जिसमें धैर्य बहुत है.. एक मुसाफिर जो चुपचाप बहुत है.. उस मुसाफिर के पर लगे हुए हैं.. वो मुसाफिर उड़ता बहुत है.. पर एक दिन अपने सपनों की उड़ान में, अपने ही लंबे सफर की थका...

Ab dil nahi karta

नाराज हो जाते है मुझसे, मैं मनाना भी जानता हूं.. पर किसी को मनाने का, अब दिल नही करता..                     झुक तो मैं भी जाता था, पर फिर गलत मैं ही ठहराया जाता.. बार-बार झुक जाने का, अ...

Ishq kiya hai kabhi

क्या तुमने इश्क़ किया है कभी.. हर लम्हा खुशनुमा जिया है कभी.. एक प्यारा सा अहसास,किसी के संग आया हो.. पहली नजर में कोई पसंद आया हो.. कोशिशे हजार की हो बात करने की.. कोशिशे हजार की हो म...